Raghuveer Sharma
50
रसखान रत्नावली (सवैया -61)
मैन-मनोहर बैन बजै सु सजे
तन सोहत पीत पटा है।
यौं दमकै चमकै झमकैं दुति
दामिनि की मनौ स्याम घटा है।
ए सजनी ब्रजराजकुमार अटा
चढ़ि फेरत लाल बटा है।
रसखानि महा मधुरी मुख की
मुसकानि करै कुलकानि कटा है।।
Please login to like this post Click here..
Please login to leave a review click here..
Login Please Click here..
Please login to report this post click here..